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संघर्ष …………..

कुछ कही कुछ अनकही
कुछ कही कुछ अनकही
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संघर्ष के वक्त स्वयं को मजबूत रखने कोई आलावा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं होता /
संघर्ष खुद से हो या दूसरों से मजबूती फिर चाहे वो मन की हो या शरीर की वही साथ देती है /
और कमजोरी चाहे मन की हो या शरीर की वो तो लड़ाई हारने की निशानी है /
यही मजबूती लड़ने की ताकत देती है /
कठिन रास्ता हो तो नंगे पैरों भी चलना पड़ता है /
पैरो के छालों को भूल कर भी चलते रहने का नाम ही संघर्ष है ………………….

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