Menu
blogid : 13246 postid : 43

इतना मुश्किल तो नहीं है हँसना /मुस्कुराना

कुछ कही कुछ अनकही
कुछ कही कुछ अनकही
  • 193 Posts
  • 159 Comments

अक्सर हमारे समाज में यह माना जाता है कि गंभीर स्वभाव वाले व्यक्ति ही समझदार होते हैं और खुश रहने वाले ,मुस्कुराने वाले व्यक्तित्व के स्वामी के सम्मान का वजन कुछ कम हो जाता है ।और शायद यही कारण है कि अक्सर अधिकतर स्त्री पुरुष अपने चारों ओर अकारण ही गंभीरता का लबादा ओढ़े रहते हैं ।वे किसी से बात करते वक्त गलती से भी हँसते नहीं हैं ।अधिकतर लोग बातचीत का रुख अपनी रोजमर्रा की समस्याओं की ओर मोड़ कर बिना कारण ही वातावरण को बोझिल बनाने में माहिर होते हैं ।और यदि उनके आसपास भी कोई हंसी मजाक की बात हो रही होती है तो वे बड़ी सफाई से अपने दामन को बचा कर गमगीनी का आवरण लपेटे ही रहते हैं ।
कितनी अजीब सी बात है कि जब आप और हम छोटे होते हैं तो बात बेबात ,बिंदास हंसते हैं पर पता नहीं क्यों बड़े होने के साथ साथ उदासी की चादर ओढ़ लेते हैं ।
इस व्यवहार के लिए शायद हमारा समाज .हमारे आसपास का माहौल ही जिम्मेवार है ।ज्यादा हंसी बिखेरने वालों को हम सभी थोड़ी कम गम्भीरता से लेते हैं ।जब तक माथे पर चिंता की दो चार लकीरें न हो तब तक आप को कोई भी बुद्धिमान नहीं समझता गोया माथे लकीरें न हुई बुद्धिमानी का सर्टिफिकेट हो गई जैसे ।
यहाँ हम यह भूल जाते हैं कि हंसी में एक चमत्कारिक शक्ति होती है जो रोते हुओं को भी मुस्कुराने पर मजबूर कर सकती है .यह वो छूत की बीमारी है जो गहरे गमगीन वातावरण में भी खिलखिलाहट से सराबोर कर सकती है .किसी अनजान को भी पल भर में अपना बना सकती है ।
कभी अपने घर बाहर हर रोज जिनसे मिलते हैं ,मसलन पेपर वाले ,ढूध वाले ,धोबी आदि से मुस्कुरा कर बोल कर देखिये क्या मिलता बदले में ?
आप खुद को इतना हल्का महसूस करेंगे जैसा पहले कभी नहीं किया होगा .यह आजमा कर देखिये और फिर फर्क महसूस करिये ।
किसी रूठे दोस्त को मनाने के लिए और रोते हुए बच्चे को हंसाने के लिए इससे अच्छी कोई दवाई नहीं है .किसी को ख़ुशी की नेमत देना कितना नेक काम है यह तो सब जानते हैं ।
और किसी शायर ने भी तो कितना सही कहा है .,,,,,
घर से मस्जिद है बड़ी दूर चलो यूँ कर ले ,
किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाये ।
यानि हंसी बिखेरना किसी इबादत से कम नहीं है ।
तो चलिए एक बार आप भी जरा सा मुस्कुरा कर देखिये अरे आप की खूबसूरती में तो चार चाँद लग गये .जी हाँ बिना मेकअप सुंदर लगने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका है .और राह चलते दोस्त बनाने का भी यह रामबाण तरीका है शक हो तो आजमा कर देखिये ।
हँसते हुए चेहरे के पीछे एक सरल मैत्रीपूर्ण बच्चों जैसा व्यक्तित्व छुपा होता है जिससे हर मिलने वाला प्रभावित हुए बिना रह ही नही सकता और बदले में आपको एक प्यारी सी मुस्कुराहट तो मिलेगी ही इसकी तो गारंटी है ।
जबकि गंभीर ,उदास चेहरे और माथे पर लकीरें ले कर घूमने वाले व्यक्ति से हर कोई कन्नी काट कर निकलने में ही अपनी भलाई समझेगा .कौन अपना मूड खराब करें यह सोच कर उन से कोई बात भी नहीं करना चाहेगा ,इसलिए गंभीरता का आवरण लपेटे ये इंसान धीरे धीरे अकेले भी होते जाते हैं ।
एक खोज पर आधारित एक तथ्य भी सामने आया है जो बताता है कि अधिक धनवान लोग ही अधिकतर गंभीर प्रकृति के होते हैं जबकि कम सम्पति वाले लोग अपने आपको खुश रख कर जो कमी उनके जीवन में है उसे इस प्रकार पूरी करते हैं ।
खोज की सच्चाई के बारे में तो पता नहीं पर
खुबसूरत मुस्कान के मालिक कम के कम अपने आसपास की दुनिया को तो खूबसूरत ही बना देते हैं .क्योंकि वे जहाँ से भी गुजरते हैं उन रास्तों पर हंसी ख़ुशी और दोस्ती के फूल खिल जाते हैं और प्यार का बगीचा लहराने लगता है ।
तो चलिए फिर देर किस बात की है आइये इस गमगीनी के लबादे को अभी इसी वक्त उतार फेंके और वादा करें मुस्कुराने का खुशिया बिखेरने का और इस दुनिया को थोडा और बेहतर बनाने का ।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply